वटाधोनिवासं महाट्टाट्टहासं महापापनाशं सदासुप्रकाशम् । चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।। अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी https://shivchalisas.com